तिरुपति तिरुमाला बालाजी यात्रा | तिरुपति बालाजी के दर्शन कैसे करे 2023

हिंदू धर्म में संकट को हरने एवं कष्ट, बीमारी से मुक्ति दिलाने वाले एक मात्र ऐसे भगवान हैं जो इन सब से एक व्यक्ति को दूर रखता हैं तथा इनकी पूरे मन और श्रद्धा  से पूजा करने पर कोई भी विपत्ति इनके भक्त को छू भी नहीं सकती I और वो भगवान हैं तिरुपति तिरुमाला बालाजी महाराज I आइए पढ़ते हैं इस आर्टिकल में और समझते है इनके अवतार और चमत्कार को और साथ ही लोगों के प्रति इनकी श्रद्धा के बारे में I 

तिरुपति तिरुमाला बालाजी के दर्शन। Tirupati Balaji Ki Darshan

दक्षिण भारत के  मंदिर बहुत भव्य एवं प्रसिद्ध हैं तिरुपति बालाजी मंदिर सर्वाधिक मंदिरों में से एक हैं ये प्रभु वेंकटेश्वर बालाजी का मंदिर हैं जिन्हें विष्णुजी का अवतार माना जाता हैं ।ये आन्ध्र प्रदेश के चीतोंर ज़िले मे हैं ये दक्षिण में स्थित तालाब तिरुमाला के पास बना हैं इसके चारों तरफ पहाडियाँ शेषनाग के सात फ़नो के आधार पर सत्यगिरी कहलाती हैं I 

मंदिर का इतिहास | Tirupati Balaji Mandir History

इस मंदिर का इतिहास 5 वी शताब्दी से शुरू होता हैं ये मंदिर सभी धर्मों के लिए खुला हुआ हैं भगवान बालाजी के मन्दिर को किसी ने नहीं बनाया हैं बल्कि ये मूर्ति स्वयं यहां पर प्रकट हुई थीं ।बालाजी के मूर्ति पर चोट का निशान हैं जहां औषधि के रूप में चंदन लगाया जाता हैं बालाजी के मूर्ति के सिर पर असली रेशमी बाल हैं इन बालों की विशेषता ये हैं कि इन बालों पर कभी उलझनें नहीं पड़ती, हमेशा साफ़ ही दिखाई पड़ती हैं । 

तिरुपति बालाजी  में करने वाला महत्वपूर्ण  दान कौन सा है? | Tirupati Balaji Me Kya Dan Kare

दोस्तों इस मंदिर में केश दान की परम्परा बहुत ज्यादा प्रचलित हैं मन्नत पूरी होने पर लोग यहाँ पर अपने केश दान करते हैं और इसका एक गहरा अर्थ भी हैं कि अपने केश के साथ घमंड और बुराई को समर्पित कर देना लगभग 20,000 लोग अपने केश दान करते हैं । मंदिर की प्रतिमा को अगर ध्यान से सुना जाए तो इस मूर्ति के भीतर से समुद्र की लहरें सुनाई देती हैं । बालाजी की मूर्ति हमेशा नम रहती हैं मगर ऐसा क्यूँ हैं आज तक इसका पता नहीं चला हैं I 


तिरुपति बालाजी का प्रसाद | Tirupati Balaji Mandir Prasad

मंदिर में रोजाना 3 लाख लड्डू बनते हैं इस मन्दिर से 23 किलोमीटर दूर एक मंदिर हैं जहां लोग बहुत पुराने नियमों के तरीकों से रहते हैं उसी गाँव से लाये गये फूल,फल, घी, मक्खन आदि मंदिर में चढाए जाते हैं। इस गाँव का किसी को पता नहीं है और ना ही किसी भी व्यक्ति को वहाँ जाने की अनुमति हैं भगवान बालाजी के छाती में हमेशा लक्ष्मी जी विराजमान रहती हैं माता यहाँ पर रहती हैं इसका पता तब चलता हैं जब हर गुरुवार को बालाजी का पूरा श्रृंगार उतार कर उन्हें स्नान कराया जाता हैं और फिर उन पर चंदन का लेप लगाया जाता हैं जब चंदन का लेप हटाया जाता हैं तो हृदय पर माता लक्ष्मी कि छवी  उभर कर आती हैं I 

लोगों की मान्यता के अनुसार माने | Tirupati Se Aap Kya Samajhte Hain

दोस्तों आपकों जानकर हैरानी होगी कि यहां पर गर्भगृह में एक दीपक बिना घी,तेल के हजारों सालों से जल रहा हैं ये सब केसे होता हैं आज तक किसी को पता नहीं चला। पचाई कपूर को किसी साधारण प्रतिमा में लगाने से वो पथर धीरे-धीरे चटक जाता हैं लेकिन वेंकटेशवर भगवान का चमत्कार ही हैं जो पचाई कपूर को वेंकटेशवर प्रतिमा पर चढ़ाने पर इस प्रतिमा पर कोई फ़र्क नहीं पड़ता हैं। अन्य मंदिरों की तरह यह भी भगवान को और भगवानों की तरह तुलसीपत्र चढ़ाया जाता हैं लेकिन उसे भक्तों को प्रसाद के रूप मे नहीं दिया जाता I पूजा करने के बाद उस तुलसीपत्र को मंदिर परिसर में मौजूद एक कुएं में डाल दिया जाता है, फिर उसको मुड़कर कभी देखा नहीं जाता हैं इस मंदिर में मांगी जाने वाली हर मन्नत पूरी होती है| मन्दिर के मुख्य द्वार के बायीं ओर एक छड़ी हैं ऐसा माना जाता हैं कि इस की छड़ी से बाल्यावस्था में इस छड़ी से बालाजी की पिटाई की गयी थी और उनकी ठुड्डी पर चोट लग गयी थीं इस कारणवश उनकी ठुड्डी पर शुक्रवार को चंदन का लेप लगाया जाता हैं ताकि उनका घाव भर जाए ,अगर जब आप बालाजी के गर्भ गृह में जाकर देखेंगे तो पाएंगे कि मूर्ति गर्भगृह के मध्य में स्थित हैं वही अगर गर्भगृह के बाहर आकर देखेगें तो ऐसा लगेगा कि मूर्ति दायी ओर स्थित है I भगवान की प्रतिमा को प्रतिदिन नीचे धोती और ऊपर साड़ी से सजाया जाता हैं । ऐसा मान्यता है कि बालाजी पर ही माता लक्ष्मी जी का रूप समाया हैं और इसी कारण से ऐसा करा जाता हैं I इस मंदिर पर जो भी पुष्प माला चढ़ाया जाता हैं उन्हें मूर्ति के पीछे ही फेंक दिया जाता हैं ऐसी मान्यता हैं कि इसे देखना अशुभ और पाप माना जाता हैं ।वेसे तो भगवान बालाजी की प्रतिमा एक विशेष चिकने पत्थर से बनी है मगर ये पूरी तरीके से जिवंत लगती हैं मन्दिर के वातावरण को काफी ठंडा रखा जाता हैं दोस्तों आपकों जानकर काफी हैरानी होगी कि बालाजी की मूर्ति का तापमान हमेशा 110 डिग्री F रहता हैं और मूर्ति को पसीना भी आता हैं जिसे पुजारी समय समय पर पोछते भी रहते है ।

दोस्तों क्या आप जानते हो कि ये मंदिर दुनिया के सबसे अमीरों  के मन्दिरों के गिनती में आता हैं पर आपको जानकर हैरानी होगी कि यह तिरुपति बालाजी गरीब है और कर्ज तले दबे हुए हैं जी हाँ दोस्तों आपने बिल्कुल सही सुना है ये मन्दिर तो अमीर हैं पर भगवान गरीब है । 

तिरुपति बालाजी के दर्शन कैसे करे 2023 | TTD Online Room Booking | TTD Online Tickets

तिरुपति बालाजी का मंदिर सबसे अमीरों मन्दिरों में से एक हैं अगर आप यहाँ हर महीने कभी किसी भी दिन जाते हो तो आपको यहाँ पर भक्तों की हमेशा भीड़ ही दिखाई देगी , अगर आप यहां किसी भी प्लानिंग के बिना जाते है तो आपको कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता हैं आपके 3 या 4 घण्टे दर्शन टिकट खरीदने में ही निकल जाएंगे और होटल मे रूम मिलना भी मुश्किल होता हैं क्योंकि 4 या 5 घण्टे तो दर्शनं की लाइन में खडा रहना पड़ता है इन सब तकलीफों के बाद  स्टेमिना खत्म हो जाता है ।इसलिए जब भी बालाजी के दर्शन करने जाए तो हमेशा प्लानिंग के साथ जाए I 

तिरुपति बालाजी दर्शन ऑनलाइन टिकट बुकिंग 2023 | Tirupati Balaji Temple Ticket

अगर आप दर्शन के लिए जाए तो कौन सी रैल जाती है तिरुपति बालाजी के लिए तो उसका पता आप वेबसाइट के www.irctc.co.in.com पर जाकर भी पता कर सकते है । कुछ ट्रेन तिरुपति पर जाकर रुकती हैं और कुछ ट्रेन तिरुपति से पहले 5 किमी रेनीकुन्ठा नाम का स्टेशन लगता हैं वहाँ पर रुकती हैं रैल की सूची देख कर आप पता कर सकते हैं अगर आपको सीधे तिरुपति रुकने वाली रैल मिलती हैं तो बहुत अच्छा होगा ।वर्ना रेनीकुन्ठा नाम स्टेशन भी रैल बुक करा सकते हो, वहाँ से भी आपको प्राइवेट बस या ऑटो मिल जाएगी I दोनों बालाजी मंदिर आने और जाने का टिकट कन्फर्म करा ले I

आपकों होटल में रुकना है उसी हिसाब से टिकट बुक करा ले I दूसरी बात यह है कि बालाजी के दर्शन करने के लिए ही बहुत ज्यादा समय लग जाता है इसका दूसरा तरीका यह है कि आप स्पेशल एंट्री दर्शन [ttd 300 rs ticket online booking] का, आप 300 रुपये देकर भी बालाजी के दर्शन कर सकते हों I 4 से 5 घन्टों में भी आप बालाजी के दर्शन कर सकते हो इसके लिए आपको 90 दिन पहले या 3 घण्टे पहले एडवांस्ड में भी टिकट बुक करा सकते हो I 

तिरुपति बालाजी यात्रा स्पेशल टिकिट | TTD 300 Rs Ticket Online Booking

स्पेशल प्रवेश के लिए आपको तिरुपति तिरुमाला जी की वेबसाइट https://www.tirumala.org/ पर जाना हैं सबसे पहले आपको साईन अप करना होगा फिर वहाँ जाकर पास वर्ड बनाना होगा, फिर वहाँ  लॉगिन करके आपके सामने होम पेज खुल जायेगा I वहाँ पर सर्विस पर आपको स्पेशल एंट्री दर्शन क्लिक करना होगा,आप जिस दिन से बालाजी के दर्शन करना चाहते हो उस दिन का तारीख सेलेक्ट कर ले और उस दिन का टाइम देख लें और आपकों जिस दिन दर्शन करना हैं सेलेक्ट कर लीजिए I और फिर आगे कन्टिन्यू करे I और इसके आगे आपकों जो जो प्रोसेस  करने को बोले आगे वो वो करते जाएये I लास्ट में पेमेंट का ऑप्शन आयेगा उसको पूरा कीजिए फिर इसके बाद आपका स्पेशल एंट्री दर्शन बुक हो जायेगा I उसका दो कॉपी प्रिंटआउट करके रख ले I होटल में रूम बुक करने के लिए 90 दिन पहले या 1 दिन पहले भी बुक कर सकते हों I रूम बुक करने का प्रोसेस जेसे स्पेशल एंट्री दर्शन के तरह ही हैं I आप  https://www.tirumala.org/  पर जाकर accommodation में जाकर क्लिक करके बुक कर सकते हों I 

क्या है TTD | TTD Full Form

दोस्तों अगर आप तिरुपति तिरुमाला बालाजी के दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग करते है तो आपको अब https://www.tirumala.org/ वेबसाइट पर जाना होता है | लेकिन पहले इसके लिए आपको ttdsevaonline.com वेबसाइट पर जाना होता था | जोकि अब काम नहीं कर रही है | इस वेबसाइट में TTD का मतलब या फुल फॉर्म होता है “Tirumala Tirupati Devasthanams” | यह तिरुपति तिरुमाला बालाजी अधिकारिक वेबसाइट है |

तिरुपति बालाजी दर्शन के सफर करते समय ध्यान रखने वाली बातें | Tirupati Balaji Yatra Useful Tips | तिरुपति बालाजी दर्शन के नियम

  • जब भी रैल में सफ़र करे तो उस दौरान पीने का साफ बोतल का पानी ही लेकर जाए I
  • स्टेशन में बिकने वाली तेल से बनी चीजें आपकों नहीं खाना हैं और आपके साथ अगर बच्चे जा रहे हैं तो उनको पहले ही समझा देना है कि किसी भी अनजान व्यक्ति से कुछ ना ले I
  • अगर आप इन सब बातों का ध्यान रखते है तो आपकी सेहत भी अच्छी रहेगी और आपकों दर्शन के दौरान मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा I 
  • दूसरी बात आपकों वहां पहुंच कर सबसे पहले अपने बुक किये हुए रूम को देखना है फिर आराम करना है क्योंकि सफर में आप इतना थक जाएंगे कि आप बस से उतरते ही आराम करने का मन करेगा I 
  • बस से उतरते ही बगल में CRO का ऑफिस हैं वहाँ जाकर आपकों रूम बुकिंग का प्रिंट आउट दिखाना है या 500 रूपए भरना पड़ता है I CRO ऑफिस का बाबु आपका एक प्रिंट आउट कॉपी रख लेगा और दूसरा आपकों दे देगा इससे आपको पता चल जाएगा कि आपकों कौन से काम्प्लेक्स में रूम मिला हैं ।
  • CRO ऑफिस के बगल में ही पूछताछ काउन्टर है वहाँ से आपकों अपने रूम का पता चल जाएगा I वहाँ के लोगों को बहुत कम हिन्दी और अंग्रेजी आती हैं तो पूछताछ केंद्र में ही सही रहेगा I 

तिरूपति बालाजी दर्शन का समय | Tirupati Tour Timing | Trip to Tirupati Balaji Darshan Timing

मंदिर सुबह 6 बजे से रात के 9 बजे तक खुलता हैं ।

अगर आप वहाँ जाते हैं तो आपको कोरोंना का ध्यान रखते हुए पूरा टीकाकरण होना आवश्यक हैं ।और साथ में मास्क और सेनिटायजर भी ले जाना चाहिए और हो सके तो 2 गज की दूरी भी अपनाये तो ज्यादा सुरक्षित रहोगे I

तिरूपति बालाजी टोल फ्री नम्बर | TTD Toll Free Number | Tirupati trip Helpline Number

 1800 425 4141

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बद्रीनाथ धाम की यात्रा कब और कैसे करे | Badrinath kaise Jaye

नमस्कार दोस्तों यात्रा99 में आपका स्वागत है. आज हम आपको अपने आर्टिकल में बताने वाले है की बद्रीनाथ कैसे पहुंचे. अगर आप बद्रीनाथ की यात्रा करने की सोच रहे है तो आज की पोस्ट आपके बहुत काम आ सकती है. आज हम आपको बतायंगे कि आप किस तरह बदरीनाथ धाम की यात्रा करें, कब और कैसे करे, बद्रीनाथ कब जाना चाहिए, यात्रा में खर्चा कितना होने वाला है और वहाँ पर रहने खाने की क्या व्यवस्था रहेगी।

तो आपको हम इन सारे सवालों के जवाब देने वाले है की आपको कब और क्या करना चाहिये।

बद्रीनाथ के कपाट कब खुलेंगे | Badrinath Dham Opening Date

सबसे पहले आपको बता दे की 2023 में बद्रीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल 2023 को सुबह at 7:10 को खोले जायंगे है । जैसा की आप जनाते हैं कि यहाँ बहुत दूर-दूर से सभी जगह से श्रद्धालु दर्शन करने आते है। यहाँ पर भारत के ही नही बल्कि बाहर से भी विदेशी लोग दर्शन करने के लिये आते है। बद्रीनाथ आने के लिए सबसे पहले हरिद्वार आना होता है क्योकिं हरिद्वार सभी मुख्य परिवहनो के मार्ग से जुड़ा हुआ है। या फिर आप योग नगरी ऋषिकेश में भी आ सकते हैं ।

हरिद्वार से बद्रीनाथ कैसे जाएं | Haridwar to Badrinath Distance | बद्रीनाथ यात्रा कैसे करे

अब आपको हम बताते है की हरिद्वार से बद्रीनाथ जाने का सबसे सस्ता रस्ता कौन सा होगा। अगर आप हरिद्वार में सुबह के बाद आते है तो आपको उसी दिन बद्रीनाथ जाने के लिए कोई भी बस नही मिलेगी . हरिद्वार से बद्रीनाथ की यात्रा 316 किलोमीटर के आसपास का हैं ।और योग नगरी,ऋषिकेश से बद्रीनाथ के लिये 290 किलोमीटर का रस्ता है। इसके आलावा अगर आप हवाई जहाज से यात्रा करना चाहते है तो इसके लिये आपको आना होगा देहरादून के एअरपोर्ट में, देहरादून एअरपोर्ट पहुचने के बाद रास्ते का सफर ही करना होगा।

हरिद्वार से बद्रीनाथ का किराया | Haridwar Se Badrinath Kaise Jaye | बद्रीनाथ जाने का रास्ता

लेकिन हम आपको बता दे की आप हो सके तो ट्रेन के द्वारा ही हरिद्वार पहुचें । हरिद्वार से बद्रीनाथ जाने के लिये 2 तरीके है। सबसे सस्ता और अच्छा तरीका बस से है हरिद्वार से बहुत सारी बस बद्रीनाथ के लिए चलती है। जब आप हरिद्वार रेलवे स्टेशन पहुचते है तो रेलवे स्टेशन के बाहर ही बहुत सारे टिकट एजेन्सी बनी हूई है। जहा से आप अपना हरिद्वार से बद्रीनाथ के लिये टिकट ले सकते है। और इसके अलावा आप हरिद्वार बस स्टेशन भी जाकर बस का टिकट ले सकते है। बस से बद्रीनाथ का किराया जो गोवेर्ंमेंट बस चलती है उनका किराया 550-600 रुपय तक का है।

Badrinath_Temple_Yatra_Kaise_Kare

इसके आलवा अगर आप किसी थर्ड पार्टी से ऐडवांस बूकिंग करते है जैसे red bus या make my trip से भी कर सकते है लेकिन आपकों इसमे 100 रुपय से 200 रुपये ज्यदा चुकाने पड़ते है। बस आपका इसमें फायदा ये होगा की आपकों अपनी मन पसंद की सीट मिल जाती है।
इसके अलावा अगर आपको हरिद्वार से डायरेक्ट बस बद्रीनाथ के लिये नही मिलती, तो इसके लिये आपको जोशीमठ जाना होगा ।

क्योकिं बद्रीनाथ के लिए शाम को कोई भी बस नही मिलती है। क्योंकि बद्रीनाथ का रस्ता बहुत ही खतरनाक है इसलिए कोई भी वाहन को शाम के लिये रोक दी जाती है। कोई भी वाहन को शाम को जोशी मठ के आगे जाने नही दिया जाता है। इसलिए आप हरिद्वार से जोशीमठ बस के द्वारा चले जाईए।

फिर दुसरे दिन सुबह-सुबह वहा पर बहुत सारी टैक्सी चलती है और 100 रुपय का किराया लेती है। जिससे आप बद्रीनाथ तक जा सकते है।
अगर आप देहरादून हवाई जहाज से आये है तो देहरादून पहुचने के बाद भी देहरादून से सुबह 4 बजे से 7 बजे तक 3 से 4 बसें बद्रीनाथ के लिये चलती है।

प्राइवेट टैक्सी से यात्रा | Haridwar to Badrinath Taxi | बद्रीनाथ कैसे पहुंचे

यह ऑप्शन है की आप हरिद्वार ऋषिकेश से पहुचने पर प्राइवेट टैक्सी कर सकते हैं । बद्रीनाथ तक जाने के लिये प्राइवेट टैक्सी वाले आपसे 8000 से 10,000 रुपय तक ले सकते है। ये आपको राउंड ट्रिप में ही बद्रीनाथ यात्रा के दर्शन कराते हैं । पहले दिन ये आपको बद्रीनाथ धाम लेकर जाएंगे , पहलें आप बद्रीनाथ जी के दर्शन कर लीजिये । फिर दुसरे दिन ही आप माणा गाँव और आसपास के जगह में घूम लीजिए ।
और शाम तक ये आपकों हरिद्वार वापस ले कर आ जाएंगे।

बद्रीनाथ की चढ़ाई कितनी है

आपको बता दें कि बद्रीनाथ लगभग 3,100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. उत्तराखंड के हिमालयी गढ़वाल क्षेत्र में बद्रीनाथ शहर में स्थित यह मंदिर समुद्र तल से कुल 10200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। और बद्रीनाथ मंदिर के ठीक सामने ही भव्य नीलकंठ की चोटी है। यह मंदिर जोशीमठ से लगभग 45 किमी दूर स्थित है, जो कि एक बेस कैम्प भी है।

बद्रीनाथ में रुकने की व्यवस्था | Badrinath Dham Hotels

बद्रीनाथ में आप 3 तरीके से रुक सकते है।

  1. सबसे सस्ता ऑप्शन ये हैं की वहा पर बहुत सारे आश्रम बने हुए है जहा पर आपकों 200 रुपय से 300 रुपय तक रात को रुकने के लिये रुम मिल जाते है।
  2. यहा पर GMVM का यात्री निवास बना हुआ है और एक होटल देव लोक भी बना हुआ है। अगर आप यात्री निवास में रुकते है तो आपकों मात्र 300 रुपय में डोरमेट्री उप्लब्ध मिलेगा। और अगर आप होटल देवलोक में रुकते है तो आपको यहा पर सेमी डीलक्स और डीलक्स रुम मिल जाता है। सेमी डीलक्स का किराया 3800 रुपय है और डीलक्स रुम का 4800 रुपय है। और अगर आप यहा रुकते है तो आपकों यहा नाश्ता,लंच और डिनर सब मिलता है।
  3. और यदि आप यात्री निवास में रुकते है तो आपको यहा पर सिर्फ 300 रुपय में डोरमेट्री ही मिलती है ।
  4. इसकी बूकिंग आप वहा पर जाकर भी कर सकते है और अगर आप अपनी बूकिंग पहले ही ऑनलाइन कराना चाहते है तो WWW.GMVNONLINE.COM पर जाकर कर सकते है।

इसके आलावा बद्रीनाथ पर भी बहुत सारे होटल बने हुए है। अगर आप पीक सीजन में जाते है तो आपको यहा पर 2500 से 4000 तक के रुम मिल जाते है। और अगर ऑफ़ सीजन में जाते है तो आपको 800 से लेकर 1500 तक के बीच में रुम मिल जाते है।

बद्रीनाथ यात्रा के लिये सही समय क्या है | Badrinath Ki Yatra Jane Ka Samay | Best Timing for Badrinath

जैसे की आपको पता है की बद्रीनाथ मंदिर के कपाट 6 महीने के लिये खुलते है और 6 महीने के लिये बंद रहते है।

और बद्रीनाथ का मंदिर बिकुल पहाडों के बीच में बना हुआ है। और सर्दियों में यहा पर तापमान बिल्कुल गिर जाता है और बहुत बर्फबारी होती है। बद्रीनाथ के कपाट अप्रैल से मई के महिने में अक्षय तृतीया में खुलते है। और अक्टूबर और नवंबर के महीने में कार्तिक पूर्णिमा में बंद कर दिए जाते है। बस 6 महीने में बद्रीनाथ की यात्रा चलती है। बद्रीनाथ की यात्रा करने के लिये सबसे अच्छा समय होता है सितंबर और अक्टूबर के महिने का। क्योकि इस समय बहुत कम भीड होती है और आप बहुत कम पैसो में बद्रीनाथ की यात्रा कर सकते है।
बद्रीनाथ का जो पीक सीजन होता है वो मई ओर जून का होता है। क्योकिं बहुत से भक्त बद्रीनाथ के दर्शन के लिये मई और जून में ही जाते है।

और जुलाई और अगस्त के महिने में यात्रा करने से बचना चाहिये क्योकिं ये मानसून का महीना होता है और पहाड़ों में बरसात होने से भूस्खलन होने की ज्यादा संभावना होती है। और 3 या 4 दिन का जाम भी लग जाता है इसलिए आपको इन महिनो में यात्रा नही करनी चाहिये।

बद्रीनाथ यात्रा में रहने के लिये कितने दिन का प्लान बनाना चाहिये | Badrinath Yatra in Hindi

यहा पर आपके पास 2 ऑप्शन है अगर आप बस के द्वारा जा रहे है तो आपको बद्रीनाथ के लिये 2 रात का नाइट स्टे बनाना पड़ेगा।
क्योकि अगर बस से जाएंगे तो बस से पहले ही दिन आपको 10 से 12 घंटे लग जाएंगे और शाम तक ही आप पहुचेंगे तो आप बद्रीनाथ के दर्शन करेंगे। और वहा भी बहुत सी जगह है जहा आपको घुमना होता है जिसे हम आपको आगे बतायेंगे।

और अगर आप अपने प्राइवेट गाड़ी से बद्रीनाथ की यात्रा कर रहे है तो आपको इसके लिये 1 दिन का नाइट स्टे ही बनाना पड़ेगा।
अगर आप अपने गाड़ी से जाते है तो आप पहले ही दिन पहुच जाते है बद्रीनाथ के दर्शन करते है।
दुसरे दिन सुबह उठ जाते है और बद्रीनाथ के पास वाले जगह में घूमते है और उसी शाम आप अपने गाड़ी में वापस आ जाते है।

बद्रीनाथ मे खाने-पीने की व्यवस्था क्या है |

बद्रीनाथ में आपको खाने पीने की कोई भी दिक्कत होने वाली नही है यहा पर भी आपको थाल सिस्टम देखने को मिल जाता है।
100 से लेकर 150 तक की थाली का खाना आपको मिल जाएगा। और आपको यहा पर साउथ इंडियन खाना खाने को भी मिल जाएगा।

बद्रीनाथ धाम के दर्शन कैसे करे | Badrinath Dham Darshan Kaise Kare

दोस्तों जब आप बस स्टॉप से उतरते है तो मात्र 500 की दुरी पर बद्रीनाथ का मंदिर बना हुआ हैं आप मंदिर पहुँच जाए।
मंदिर परिसर में ही जल कुंड बना है आप चाहे तो वहा पर नहा भी सकते हैं । इसके बाद आप मंदिर में जाकर लाईन में लग जाए।
अगर आप मई और जून के महीने में दर्शन करने जा रहे है तो आपकों दर्शन करने के लिये 3 से 4 घंटे लाईन में लगना पड़ता है ।
और अगर आप ऑफ़ सीजन में जा रहे है तो आपको दर्शन के लिए आधे घंटे से 1 घंटा ही लगता हैं ।

इसके सामने ही बद्री विशाल विराजमान है उनके दर्शन करिये और वापस आ जाईए। इसके बाद आपको जाना है ब्रहम कपाल ।

ब्रहम कपाल वही जगह है जहा पर लोग अपने पूर्वजों के पिण्ड दान करते हैं ।

बद्रीनाथ मन्दिर के आस पास दर्शनीय स्थल | Badrinath Temple Famous Places

बद्रीनाथ के 1 किलोमीटर की दुरी पर ही है भारत का आखिरी सीमान्तर माणा गाँव पड़ता है । माणा गाँव जाने पर आप यहा 3 या 4 जगह घूम सकते हैं आपको वहा पर व्यास गुफा देख सकते है वहा पर दर्शन करने चले जाए। यही में गणेश गुफा भी है वहा भी दर्शन कर सकते हैं ।
और यही से बोला जाता हैं की पांडव स्वर्ग जा रहे थे और भीम ने एक रास्ते में शिला डाल कर नये पूल का निर्माण किया था। तो आप वहा पर जाकर भी शिला देख सकते हैं । यही पर सरस्वती माता का मंदिर भी बना है और यही पर आपको भारत की आखिरी चाय भी पीने को मिल जाएगी। इन सब जगह घूमने में आपको ज्यादा समय नही लगने वाला हैं । 1 से डेढ़ घंटे में ही आप ये सब जगह घूम सकते हैं ।

बद्रीनाथ के लिये E-PASS की आवश्यकता | Badrinath Dham E Pass

दोस्तों आप कोई भी चार धाम की यात्रा करते है तो आपकों E-PASS बनाना अनिवार्य है।
इस्के लिये आप devasthanam.uk.gov.in की वेबसाइट पर जाकर भी अपना पंजीकरण करा सकते है।

बद्रीनाथ में ध्यान देने योग्य बातें | Badrinath Dham Travel Guide

दोस्तों अगर आप बद्रीनाथ की यात्रा कर रहे हैं तो आप पैकिंग करते समय रेनकोट और थोड़े गर्म कपड़े भी लेकर जाए।
क्योकिं आप को हमने बताया की बद्रीनाथ पहाडों में है तो मौसम कभी भी बदल जाता है और ऐसे में आपको अपनी पूरी तैयारी कर लेनी है।

और जाने से पहले एक बार आपने डॉक्टर से परामर्श जरुर करे, अगर आप किसी भी तरह की दवाईयों का सेवन करते है ।

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केदारनाथ यात्रा कैसे करे | Kedarnath Temple Yatra Kaise Karen

नमस्कार दोस्तों, यात्रा 99 में आपका स्वागत है. हमेशा की तरह आज भी हम आपके लिए एक और शानदार धार्मिक यात्रा की जानकारी लेकर आये हैं. आज की पोस्ट “केदारनाथ यात्रा कैसे करे | Kedarnath Temple Yatra Kaise Kare” में हम आपको उत्तराखंड के विश्विख्यात धार्मिक मंदिर केदारनाथ की यात्रा की जानकरी लेकर आये हैं. जैसे की आपको पता ही है की हर साल कई लोग केदारनाथ की यात्रा पर जाते है और अगर आप भी इस साल केदारनाथ की यात्रा पर जाने वाले है और इस यात्रा की प्लानिंग कर रहे है तो हम आपको अपने इस आर्टिकल में बताने वाले है की आप किस तरीके से केदारनाथ यात्रा पर जा सकते है और यात्रा पर जाने का कौन सा समय सही रहेगा , केदारनाथ पर रुकने और खाने पीने की क्या व्यवस्था है, केदारनाथ के यात्रा में कितना समय लगता है और केदारनाथ यात्रा में कितना खर्च आता है।

केदारनाथ यात्रा केदारनाथ यात्रा के कपाट कब खुलते हैं | Kedarnath Yatra Opening Date 2023

हमारा देश एक धार्मिक देश है. भगवान् पर लोगों का अटूट विश्वास है. इसीलिए हमारे देश में धार्मिक यात्रा का भी बहुत महत्व है. हर साल करोड़ों लोग धार्मिक यात्राएं करते हैं. और सबके मन में यात्रा को लेकर एक सवाल जरुर होता है की किसी भी धार्मिक मंदिर की शुरुवात कम होती है. लोग अक्सर ऐसे प्रश्नों के जवाब खोजते रहते हैं जैसे केदारनाथ यात्रा केदारनाथ यात्रा के कपाट कब खुलते हैं | Kedarnath Yatra Opening Date 2023, केदारनाथ यात्रा कब तक खुलंगे, आदि.


तो आपको बता दें कि केदारनाथ मंदिर के कपाट वर्ष के मई महीने में खोले जाते हैं. इस वर्ष 2023 में भी 25 अप्रैल को सुबह 6 बजे के आसपास शुभ मुहूर्त पर खुल चुका है।

केदारनाथ यात्रा पर कैसे जाए | Kedarnath Yatra Kaise Jaye | Haridwar to Kedarnath Distance

केदारनाथ यात्रा की शूरवात होती है हरिद्वार से। क्योकिं हरिद्वार मुख्य रूप से सभी शहरों के परिवाहन मार्ग से जुड़ा हुआ है।
आप ट्रैंन, बस या फिर अपने गाड़ी से भी हरिद्वार पहुच सकते है। इसके अलावा आप देहरादून या ऋषिकेश से भी केदारनाथ की यात्रा कर सकते है। दोस्तों, हरिद्वार से आपको जाना होता है सोनप्रयाग और इसकी दुरी 235 किलोमीटर के लगभग हैं ।
आप बस के द्वारा भी सोनप्रयाग जा सकते है हरिद्वार में ही बस स्टॉप बना हुआ है जहा सुबह 5 बजे से शाम के 4 बजे तक बस चलती है।

हम आपको 2 तरीके बतायेंगे जहा से आप हरिद्वार से किस तरह सोनप्रयाग तक सफर कर सकते हैं ।

  1. जैसे ही आप हरिद्वार के रेलवे स्टेशन पहुचते है वही पर आपको बहुत सारी ऐसी ट्रैवल एजेन्सी दिखेगी, जहा से आप बस की टिकट ले सकते है।इसके आलवा आप चाहे तो सीधे बस स्टॉप से ही टिकट ले सकते है लेकिन आप बस की टिकट पहले ही ले लेते है तो आपको बस में कोई दिक्कत होने वाली नही है। कभी-कभी बहुत ज्यादा भीड होने के वजह से बस की टिकट मिलने में बहुत दिक्कत हो जाती है। इसके आलावा अगर आप बस की टिकट ऑनलाइन लेना चाहते है तो आप पहले से ही ऑनलाइन टिकट ले सकते है । कोई भी थर्ड पार्टी जैसे RED BUS, MAKE MY TRIP में जाकर आप अपने लिये टिकट ले सकते है। लेकिन यहा हम आपको बता दे की ऑनलाइन बस की टिकट आपको 400 की पड़ेगी और यही टिकट आपको ऑफ़लाइन में 100 से 200 का ज्यादा महेंगा पड़ेगा।
  1. और दुसरा तरीका है की आप हरिद्वार पहुच कर प्राइवेट टैक्सी भी ले सकते हैं । प्राइवेट टैक्सी के खर्चे की बात करे तो 10,000 से 12,000 तक का खर्चा हो सकता है। इसके आलवा अगर आपके पास खुद की गाड़ी है तो आप अपनी गाड़ी से सोनप्रयाग तक जा सकते है।

सोनप्रयाग में ही बहुत बड़ी पार्किंग बनी हूई है जहा आप अपनी गाड़ी खडी कर सकते हैं । अगर आप अपनी कार खडी करते है तो इसके लिये आपकों 100 रुपय और अगर बाइक खडी करते है तो 50 रुपय एक दिन के हिसाब से लगते हैं ।

अगर आप कम खर्च में केदारनाथ यात्रा करना चाहते हैं तो आप बस से ही यात्रा करे ।

केदारनाथ यात्रा

केदारनाथ यात्रा का समय मई से सितम्बर
Haridwar to Kedarnath Distance239 Kms
Dehradun to Kedarnath Distance254 Kms
Rishikesh to Kedarnath Distance216 Kms
Delhi to Kedarnath Distance295
Kedarnath Temperature May | Kedarnath Weather May17 डिग्री
Kedarnath to Badrinath Distance218 Kms

चार धाम यात्रा 2022 में आपकों अगर उत्तराखंड आना है या फिर जो लोग उत्तराखंड के रहने वाले है तो उनको भी चारधाम की यात्रा के लिये e-pass बनवाना अनिवार्य हो गया है । इसके लिये आप अपना e-pass ऑनलाइन बना सकते है।

केदारनाथ यात्रा का पंजीकरण कैसे करे | Kedarnath Yatra Registration

अगर आप केदारनाथ की यात्रा पर जाना जाते है तो आपको पहले पंजीकरण करना पड़ेगा।
इसके लिये आपको चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइट devasthanam.uk.gov.in पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं ।

केदारनाथ यात्रा कब करनी चाहिये | Best Time to Visit Kedarnath | Kedarnath Temple Yatra Kab Kare

जैसे की आपको पता है दोस्तो की केदारनाथ के कपाट 6 महीने खुले और 6 महीने बंद रहते है। केदारनाथ के कपाट मई के महीने में अक्षय तृतीय में खोले जाते है और दीपावली के आसपास केदारनाथ मन्दिर के कपाट बंद कर दिए जाते है।

अगर आपको यात्रा करनी है तो आपको सबसे अच्छा सितंबर से अक्टूबर के महीने के बीच में यात्रा करनी चाहिये।
क्योकिं इस समय मौसम भी बहुत अच्छा होता है और ज्यादा गर्मी भी नही होती और ज्यादा भीड भी नही होती है।

और अगर आप मई और जून में केदारनाथ यात्रा करने चाहते है तो ये इस यात्रा के लिये ठीक सीज़न होता है और इस महिने में बहुत गर्मी और बहुत भीड भी होती है। भीड होने के कारण रुम का रेंट भी डबल से ट्रिपल हो जाता है। अगर आप मई जून में यात्रा करते हैं तो आपको रुम का किराया 3000 से 4000 के आस पास पड़ता है । और वही आप सितंबर और अक्टूबर में यात्रा करते है तो आपको यही रुम 1000 रुपय का पड़ता है।

यात्रा के लिये ध्यान देने वाली बात

दोस्तों जुलाई ओर अगस्त के महीने में यात्रा करने से बचना चाहिये कयोंकि ये समय मानसून का समय होता है और केदारनाथ मन्दिर बहुत पहाड़ी में है और ऐसे में इस महीने में कभी भी बरसात शुरु हो जाती है कभी भी भूस्खलन हो जाता है।
और इसलिए जुलाई और अगस्त में यात्रा करने से बचना चाहिये।

केदारनाथ यात्रा में रुकने की व्यवस्था | सोनप्रयाग में रुकने की क्या व्यवस्था है |

सोनप्रयाग में बहुत सारे गेस्ट हाउस, होटल और लौज बने हुए है। जहा पर आप रात को रुक सकते है। अगर आप यहा मई और जून में किसी भी गेस्ट हाउस, होटल और लौज के रुम में रुकते है तो रुम का किराया 3000 से 5000 तक भी हो जाता है।

और अगर आप ऑफ़ सीज़न यात्रा करना चाहतें हैं यानी सितंबर और अक्टूबर में यात्रा करना चाहतें हैं तो यही रुम का किराया 1000 से 1500 तक भी हो जाता है।

दोस्तों अगर आप कम खर्च में सोनप्रयाग में रुकना चाहतें हैं तो सोनप्रयाग में ये भी उप्लब्ध है। यहा आपको 350 रुपय में भी नाइट स्टे करने को मिल जाते है। और यही सितंबर और अक्टूबर में आपको ये 100 से लेकर 150 में मिल जाएगी।

हरिद्वार से सुबह आप निकलेंगे तो शाम को सोनप्रयाग अपने बजट के अनुसार पहुच जाएंगे ।

जब आप सोनप्रयाग पहुच कर वहा रात को रुम में रुकते है तो आपको दुसरे सुबह ही 3 से 4 बजे ही उठ जाना होता है क्योकिं आपको यहा से गौरी कुंड जाना होता है।

गौरी कुंड तक जाने के लिये आपको वही से सूमो, सफ़ारी टाइप की गाड़ी मिल जाती है। जो आपसे 30 रुपय/व्यक्ति सवारी लेती है जो आपको गौरी कुंड तक छोड देती है । सोनप्रयाग से गौरी कुंड के बीच का रस्ता 5 किलोमीटर के आसपास है। लेकिन आपको इन गाड़ी के लिये बहुत लंबी-लंबी लाईन लगानी पड़ सकती है।

इसके आलवा सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिये घोड़े और ख्चर भी मिल जाते है।

गौरी कुंड पहुचने पर ही आपको वहा पर गौरी माता का मन्दिर दिखेगा। जहा आपको उनके दर्शन कर लेने है। यही पर गौरी कुंड भी है जहा का पानी हमेशा आपको गर्म ही मिलेगा।

यही से केदारनाथ यात्रा के लिये पैदल यात्रा शुरु होती है। जो लोग पैदल यात्रा नही कर सकते हैं उनके लिये ही घोड़े और ख्चर की सुविधा भी उपलब्ध हैं । जिसके लिये आपकों 2300 रुपय देना होगा। और अगर आप पालकी में जाना चाहतें हैं तो आपको इसके लिए 5000 से 6000 रुपय देने होते है। और अगर आप ऑफ़ सीजन में जाते है तो यही घोड़े ख्चर के दाम कम हो जाते है। परंतु ये 2300 रुपय गोवेर्ंमेंट के तरफ़ से तय किये गये हैं ।

केदारनाथ की चढ़ाई में कितना समय लगता है | Kedarnath Yatra Distance Timing

अगर आप पैदल यात्रा कर रहे हैं तो वहा पर बहुत से दुकानें हैं जहा से आपकों एक लाठी ले लेनी है जिससे आपकों पैदल यात्रा करने में आसानी हो जाती है। किसी भी दुकान से ये लाठी आपको 30 रुपय में मिल जाती है। गौरी कुंड से केदारनाथ मन्दिर की दुरी लगभग 16 किलोमीटर के आसपास का है। और अगर आप पैदल यात्रा करते है तो यही दुरी आपको ज्यादा लगेगी जैसे 20 से 21 किलोमीटर ।
क्योंकि जो पुराना रस्ता था वो 16 किलोमीटर के आसपास का था लेकिन 2013 में जो आपदा आयी थी जिससे ये रस्ता खत्म हो गया था और अब जो नया रस्ता बना है वो 20 से 21 किलोमीटर के लगभग है।

केदारनाथ हेलीकॉप्टर बुकिंग 2023 | Kedarnath Helicopter Booking

अगर आप हेलीकाप्टर से यात्रा करना चाहते हैं तो इसके लिये आपको सोनप्रयाग जाने की जरूरत नही है इसके लिये सोनप्रयाग से 15 किलोमीटर पहले एक जगह पड़ती है फाटा । फाटा से ही हेलीकाप्टर की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। अगर आप ऑन सीज़न पर ये यात्रा कर रहे हैं तो आपको अपनी टिकट ऑनलाइन ही बुक कर लेनी है। वैसे फाटा में ही ऑफ़ लाईन ही टिकट बुक हो जाते है। वही पर टिकट काउंटर बना हुआ है।

अगर आप हेलीकाप्टर से यात्रा कर रहे हैं तो इसका टिकट 6000 राउंड ट्रिप के हिसाब से देना होगा। 6000 रुपय में आप केदारनाथ जाएंगे और दर्शन करेंगे फिर आप केदारनाथ से ही हेलीकाप्टर में वापस फाटा आ जाते है।

गौरी कुंड से पैदल यात्रा | Kedarnath Gorikund Paidal Yatra

अगर आप गौरी कुंड से पैदल यात्रा कर रहे हैं तो बीच सफर में ही आपकों बहुत सारे झरने देखने को मिलते है। एक तरफ से आपकों मन्दाकिनी नदी बहती नजर आयेगी। और दुसरी तरफ आप पैदल यात्रा कर सकते हैं । पैदल यात्रा करते हुए ही आपकों रास्ते में खाने पीने की कोई भी दिक्कत नही होती है। क्योंकि रास्ते में ही आपको बहुत सारे दुकानें मिल जाती हैं । जहा आपको परांठा, मैगी और फल मिल जाएंगे।
इसके आलवा आपको जगह-जगह में बाथरूम भी मिल जाएंगे।

दोस्तो अब इसके बाद आप पहुच जाते है बेस केम्प, जहा सारे भक्तों के लिये रुकने और खाने पीने के लिये आश्रय बनाया गया है।

अब यही से केदारनाथ की दुरी मात्र 1 किलोमीटर की रह जाती है। बेस कैम्प- में ही बहुत सारे टेन्ट लगे हुए है जिनका किराया 400 रुपय/ व्यक्ति का देना होता है। इसके आलवा यहा पर गढवाल मंडल निगम लिमिटेड बना हुआ है जहा पर आप रुक सकते है।
यहा पर 3 गेस्ट हाउस बने हुए है । आप इन तीनों में से किसी एक रात के लिये रुक सकते है।

केदारनाथ यात्रा होटल बुकिंग 2023 | Kedarnath Yatra Hotel Room Booking Online

आप इन रुम की बूकिंग ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनो तरीके से कर सकते है। लेकिन ऑफ़ लाईन बूकिंग कराने के लिये 1 प्रतिशत भी चांस नही होता है की आपको वहा पर कोई भी रुम खाली नही मिलते है। इसलिए आप पहले से ही ऑनलाइन बूकिंग कर लीजिये ।
बूकिंग कराने के लिए आपकों गढवाल मंडल निगम लिमिटेड के वेबसाइट में जाकर बूकिंग कराना होता है।

इसके अलावा अगर आप मन्दिर के पास में ही रुकना चाहते है तो मन्दिर के पास ही बहुत सारे होटल और गेस्ट रुम बने हुए हैं ।

अगर आप बेस कैम्प में रुकते है तो आपको यहा पर खाने पीने के लिये 150 रुपय से 200 रुपय की थाली मिल जाती है।
और अगर मन्दिर के पास भी रुकते हैं तो आपको यहा भी 150 से 200 रुपय की खाने की थाली मिल जाती हैं ।

अगर आप बेस कैम्प शाम के 6 बजे पहुच जाते है तो आप अपना समान रख दीजिये और फिर आराम कर लिजिये।
और आराम करने के बाद चले जाईए केदारनाथ मन्दिर में दर्शन करने ।

केदारनाथ मंदिर दर्शन का समय | Kedarnath Temple Darshan Timing

केदारनाथ मंदिर दर्शन का समय सुबह 5 से रात 9 बजे तक है। शाम्ं को 6 बजे केदारनाथ मंदिर में आरती होती है।
आप भी आरती में जरुर जाए और केदारनाथ बाबा के दर्शन करिये। केदारनाथ बाबा के दर्शन्ं सभी भक्तों को बाहर से ही करने होते है क्योकिं शाम के 5 बजे के बाद किसी को अन्दर जाकर दर्शन करने की अनुमती नही होती। इसके लिये आप सुबह जल्दी उठिए और दर्शन करने के लिए लाईन में लगे । इसके लिये आपकों 3 से 4 घंटे भी लग जाते है। और बात करें प्रसाद की तो मंदिर के पास में ही आपकों प्रसाद चढ़ाने के लिये मिल जाता है।

यहा पर आपको 3 तरीके से प्रसाद मिल जाते है। एक 151 रुपय, 251 रुपय और 501 रुपय। आप अपने बजट अनुसार प्रसाद ले सकते है।

भीम शिला दर्शन | Kedarnath Bhimshila Darshan

केदारनाथ बाबा के दर्शन करने के बाद आप भीम शिला भी दर्शन करने जा सकते है। कहते है की जब 2013 में आपदा आयी थी तो इस शिला के वजह से ही मंदिर को कोई भी नुक्सान नही हुआ था इसलिए इसका नाम भीम शिला पड़ा। आपको इसके भी दर्शन कर लेने है।

इनके दर्शन करने के बाद आप चाहे तो भैरव बाबा के दर्शन कर सकते हैं । केदारनाथ से भैरव बाबा का रस्ता 1 किलोमीटर है तो आप पैदल भी जा सकते है। इतना करने पर आप वापस अपने बेस कैम्प में आ जाईए। इसके बाद वही केदारनाथ मंदिर से 8 किलोमीटर की दुरी पर वष्की तालाब । वहा जाकर भी आप उस झील के दर्शन कर सकते हैं । इसके लिये आपकों केदारनाथ मंदिर में 2 रात का नाइट स्टे करना पड़ेगा।

हरिद्वार दे केदारनाथ यात्रा का समय | Haridwar to Kedarnath Yatra

अगर आप केदारनाथ यात्रा का ट्रिप बना रहे हैं तो आपकों हरिद्वार को मिलाकर 5 रात का प्लान करना पड़ेगा।

पहले रात आप हरिद्वार रुकेंगे, दुसरी सोनप्रयाग, तीसरी केदारनाथ मंदिर, चौथी रात आप वापस आयेंगे और सोनप्रयाग में रुकेंगे और फिर पाँचवे दिन हरिद्वार में रुकेंगे।

दोस्तों जब आप केदारनाथ यात्रा की पैकिंग की तैयारी कर रहे हैं तो अपने साथ हमेशा रेनकोट और वूलन कपड़े जरुर रखे क्योकिं केदारनाथ यात्रा में कभी भी बारिश और कभी ठंड पड़ जाती है।

केदारनाथ से बद्रीनाथ कैसे जाएं | Kedarnath Se Badrinath Kaise Jaye

कुछ भक्त केदारनाथ के साथ साथ बद्रीनाथ जी के भी दर्शन करना चाहते होंगे. तो आपको बता दें कि केदारनाथ जी से बद्रीनाथ जी की दूरी लगभग 245 किलोमीटर के आसपास है। कुल दूरी में केदारनाथ मंदिर से गौरीकुंड का 18 किलोमीटर का पैदल रास्ता भी शामिल है। और गौरीकुंड से 5 किलोमीटर की दूरी पर सोनप्रयाग है. यहाँ वाहनों की पार्किंग होती है। सोनप्रयाग से बद्रीनाथ जी की सड़क मार्ग से दूरी तय करने में लगभग 7 से 8 घंटे लग जाते है।

आपको यह भी पता होना चाहिए कि केदारनाथ से बद्रीनाथ जाने के दो सड़क मार्ग हैं। केदारनाथ से बद्रीनाथ धाम जाने के लिए आप केदारनाथ के पास फाटा, गुप्तकाशी या सिरसी हेलिपैड से हेलीकाप्टर भी बुक कर सकते हैं ।

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